
निर्देश (1-6). निम्नलिखित अपठित काव्यांश के आधार पर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
लोहे के पेड़ हरे होंगे, तू गान प्रेम का गाता चल,
नम होगी यह मिट्टी जरूर, आँसू के कण बरसाता चल।
सिसकियों और चीत्कारों से हो चाहे जितना आकाश भरा,
कंकालों का हो ढेर, खप्परों से चाहे हो पटी धरा।
आशा के स्वर का भर, पवन को लेकिन लेना ही होगा,
जीवित सपनों के लिए मार्ग, मुर्दो को देना ही होगा,
रंगों के सात घर उंडेल, यह अंधियाली रंग जाएगी,
उषा को सत्य बनाने को, जावक नभ पर छितराता चल।
लोहे के पेड़ हरे होंगे, तू गान प्रेम का गाता चलए
नम होगी यह मिट्टी जरुर, आँसू के कण बरसाता चल।
Q1. लोहे का पेड़ किसे कहा गया है?
(a) लोहे जैसे बने पेड़ों को
(b) लोहे जैसे भावना शून्य लोगों को
(c) मशीनों युग के कठोर ह्दय को
(d) साहसी और निर्मम मनुष्य को
Q2. खप्परों से चाहे हो पटी धरा से क्या आशय है?
(a) युद्धों के विनाश से भरी धरती
(b) शिव जी का तांडव नृत्य
(c) जमीन पर खप्पर पडे रहना
(d) आतंकवाद का असर
Q3. रंगों के सातों घट से क्या अभिप्राय है?
(a) रंगों भरा जीवन
(b) सात रंगों के सात घड़े
(c) आशा और खुशियों से भरा जीवन
(d) रंगों की वर्षा
Q4. जावक शब्द का क्या अर्थ है
(a) टेसू
(b) महावर
(c) लाल
(d) लहू
Q5. जीवित सपनों के लिए मार्ग मुर्दों को देना ही होगा में किस भाव की और संकेत है
(a) पुरानी रूढ़ियों को हटाना पडे़गा नए युग के लिए
(b) जीवित व्यक्तियों के लिए मुर्दों को हटाना पडे़गा
(c) मुर्दा कायरों को हटाना पडे़गा
(d) नए लोगों के आने की व्यवस्था
Q6. इन पंक्तियों में से कौन – सा रस है?
(a) वीर रस
(b) रौद्र
(c) करुण
(d) शान्त
Q7. “जेते तुम तारे तेते नभ में न तारे हैं। में कौन सा अलंकार हैं?
(a) उपमा अलंकार
(b) वत्यानुप्रास अलकार
(c) यमक अलंकार
(d) श्लेष अलंकार
Q8. कबिरा सोई पीर है, जे जाने पर पीर।
जे पर पीर न जानई सो काफिर बेपीर।
प्रस्तुत पक्ति में अलंकार है –
(a) यमक
(b) रूपक
(c) पुनरुक्ति
(d) श्लेष
Q9. ‘तो पर वारौं उरबसी, सुनु राधि के सुजान ।
तू मोहन के उए बसीए ह्ैव उस बसी समान’ इस पंक्ति में यमक अलंकार का भेद है –
(a) यमक
(b) रूपक
(c) अनुप्रास
(d) श्लेष
Q10.उसी तपस्वी से लम्बे थे।
देवदार दो चार खड़े॥
इस पंक्ति में कौन-सा अलंकार है
(a) अनुप्रास
(b) प्रतीप
(c) रूपक
(d) यमक
Solutions
S1. Ans.(b)
S2. Ans.(a)
S3. Ans.(c)
S4. Ans.(d)
S5. Ans.(a)
S6. Ans.(c)
S7. Ans.(c)’जेते तुम तारे तेते नभ में न तारे हैं’ में यमक अलंकार है। जब एक शब्द का प्रयोग दो बार होता है और दोनों बार उसके अर्थ अलग-अलग होते हैं तब वहाँ यमक अलंकार होता है
S8. Ans.(a)
S9. Ans.(a)
S10. Ans.(b) प्रतीप का अर्थ है उल्टा। उपमा के अंगों में उलट-फेर अर्थात उपमेय को उपमान के समान न कहकर उलट कर उपमान को ही उपमेय कहा जाता है। इसी कारण इसे प्रतीप अलंकार कहते हैं।