
Q1. सावधान मनुष्य ! यदि विज्ञान है तलवार, तो इसे दे फेंक, तजकर मोह, स्मृति के पार, पंक्तियों के रचयिता हैं
(a) नागार्जुन
(b) दिनकर
(c) अज्ञेय
(d) निराला
Q2. लघूर्मि में कौन-सी सन्धि है?
(a) अयादि स्वर सन्धि
(b) दीर्घ स्वर सन्धि
(c) वृद्धि स्वर सन्धि
(d) यण् स्वर सन्धि
Q3. कपूर शब्द है
(a) तत्सम
(b) तद्भव
(c) देशज
(d) विदेशज
Q4. एक मुहँ दो बात मुहावरे का अर्थ है
(a) अत्यधिक बातें करना
(b) बहुत कम बोलना
(c) अपनी बात से पलट जाना
(d) बात बनाना
Q5. प्रत्येक चरण में 16 मात्रा वाला चार चरणों का सममात्रिक छन्द है
(a) दोहा
(b) सोरठा
(c)रोला
(d) चैपाई
Q6. अधरों में राग अमन्द पिए, अलकों में मलयज बन्द किए, तू अब तक सोई है आली। आँखों में भरे विहाग री। पंक्ति में कौन सा रस है?
(a) करुण
(b) शान्त
(c) श्रृंगार
(d) वात्सल्य
Q7. अन्धा-कुआँ नाटक के लेखक हैं
(a) मोहन राकेश
(b) विष्णु प्रभाकर
(c) जगदीशचन्द्र माथुर
(d) लक्ष्मीनारायण लाल
Q8. अज् शब्द के स्त्रीवाचक बनाने के लिए किस प्रत्यय का प्रयोग होगा?
(a) ईय
(b) इक
(c) आ
(d) ई
Q9. प्रथम तारसप्तक का प्रकाशन वर्ष है
(a) 1943
(b) 1938
(c) 1954
(d) 1941
Q10. “उल्का – सी रानी दिशा दीप्त करती थी” पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?
(a) यमक
(b) रूपक
(c) उत्प्रेक्षा
(d) उपमा
Solutions
S1. Ans.(b)
Sol. दी गई पंक्तियाँ रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की रचना सावधान मनुष्य से ली गई हैं।
S2. Ans.(b)
Sol. लघूर्मि = लघु + ऊर्मि। यहाँ प्रथम शब्द के स्वर (उ) के साथ दूसरे शब्द के (ऊ) से मिलकर (ऊ) स्वर बना है जोकि दीर्घ सन्धि (उ + ऊ = ऊ) का उदाहरण है।
S3. Ans.(b)
Sol. कपूर एक तद्भव शब्द है, इसका तत्सम रूप कर्पूर होता है।
S4. Ans.(c)
Sol. एक मुँह दो बात का अर्थ है, अपनी मूल बात से पलट जाना।
S5. Ans.(d)
Sol. चौपाई के प्रत्येक चरण (पहले, दूसरे, तीसरे व चौथे) में 16-16 मात्राएँ होती हैं।
S6. Ans.(c)
Sol. दी गई पंक्तियों में श्रृंगार रस है। श्रृंगार रस का स्थायी भाव रति होता है।
S7. Ans.(d)
Sol. अन्धा कुआँ नाटक के नाटककार (लेखक) लक्ष्मीनारायण लाल हैं। इनके प्रमुख नाटक हैं- अन्धा कुआँ, दर्पण, मादा कैक्टस, सूर्यमुख, मिस्टर अभिमन्यु, कर्फ्यू, अब्दुल्ला दीवाना, व्यक्तिगत, एक सत्य हरिश्चन्द्र, सगुन पंछी तथा सबरंग मोहभंग आदि।
S8. Ans.(c)
Sol. ‘अज’ शब्द का अर्थ बकरा होता है इसका स्त्रीलिंग बकरी के लिए अज में ‘आ’ प्रत्यय लगाने से ‘अजा’ बनेगा।
S9. Ans.(a)
Sol. प्रथम तारसप्तक का प्रकाशन वर्ष 1943 ई. है। इसके प्रमुख कवि गजानन माधव मुक्तिबोध, नेमिचन्द्र जैन, भारत भूषण, प्रभाकर माचवे, गिरिजा कुमार माथुर तथा रामविलास व अज्ञेय हैं। दूसरे, तीसरे, चौथे सप्तक का काल क्रमशः 1951, 1959 व 1979 हैं, पाँचवाँ सप्तक प्रतिपद्यवादी, छठा सप्तक युयुत्सावादी तथा सातवाँ सप्तक प्रतिबद्ध कविता काल कहलाता है।
S10. Ans.(d)
Sol. ‘उल्का-सी रानी ……..’ पंक्ति में आया वाचक शब्द ‘सी’, उपमेय रानी व उपमान उल्का के मध्य लगा है। अतः यहाँ उपमा अलंकार है।