
Q1. ‘मर्कट’ का पर्यायवाची शब्द है-
(a) पानी
(b) पुत्र
(c) बंदर
(d) मित्र
निर्देश (2-3) रिक्त स्थान हेतु दिए गए विकल्पों में उचित विकल्प चुनिए।
Q2. स्वामित्व पाकर प्रत्येक व्यक्ति के मन में अहंकार उत्पन्न हो जाता है, प्रत्येक मनुष्य चाहे ____ मुर्ख एवं गुणहीन हो, परन्तु यदि उसे अत्यन्त धन प्राप्त हो जाए अथवा वह किसी का स्वामी बन जाए तो वह अवश्य ______ बन जाएगा।
(a) गंभीर, सहृदय
(b) अल्प, धनी
(c) सहज, दयालू
(d) अत्यन्त, घमंडी
Q3. कलाकार की कला उसके______ में उत्पन्न हुए भावों की परिचायिका होती है, कलाकार सभी के सुख-दुःख में सुख एवं दुःख का अनुभव करता है तथा_______ स्थापित करके उसे अपनी कला में स्थान देता है।
(a) संसार, यथार्थ
(b) हृदय, तादात्म्य
(c) संसाधनों, उदात्त
(d) उत्सर्ग, अलगाव
Q4. तत्सम शब्द का चयन कीजिए:
(a) आँगन
(b) गहरा
(c) निष्ठा
(d) चैन
Q5. करुण रस का स्थायी भाव क्या है?
(a) जुगुप्सा
(b) रति
(c) उत्साह
(d) शोक
Q6. ’मेरे तो गिरिधर गोपाल दूसरो न कोई।
जाके सिर मोर मुकुट मेरो पति सोई।।
इन पंक्तियों में कौन- सा रस है?
(a) शांत रस
(b) श्रृंगार रस
(c) करुण रस
(d) हास्य रस
Q7. ‘विनयपत्रिका’ के रचयिता का नाम है-
(a) सूरदास
(b) रहीमदास
(c) तुलसीदास
(d) केशवदास
Q8. ‘राम की शक्ति पूजा’ के रचनाकार हैं-
(a) रामधारी सिंह ‘दिनकर’
(b) सुमित्रानंदन पंत
(c) सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’
(d) मैथिलीशरण गुप्त
Q9. “पीपर पात सरिस मन डोला” प्रस्तुत पंक्तियों में कौन सा अलंकार है?
(a) लाटानुप्रास
(b) उपमा
(c) श्लेष
(d) वक्रोक्ति
Q10 ‘इत्यादि’ का सही संधि-विच्छेद है-
(a) इत् + यादि
(b) इति + यादि
(c) इत् + आदि
(d) इति + आदि
SOLUTIONS
S1. Ans. (c): ‘मर्कट’ का पर्यायवाची शब्द है- बंदर।
S2. Ans. (d): यहाँ क्रमशः ‘अत्यन्त’, ‘घमंडी’ का प्रयोग उचित है। अत्यंत का अर्थ है- बहुत अधिक।
S3. Ans. (b): यहाँ क्रमशः ‘हृदय’, ‘तादात्म्य’ का प्रयोग उचित है। ‘तादात्मय’ का अर्थ है- दो चीजों का परस्पर अभिन्न होने का भाव, अभिन्नता।
S4. Ans. (c): ‘निष्ठा’ एक तत्सम शब्द है।
S5. Ans. (d): करुण रस का स्थायी भाव ‘शोक’ है।
S6. Ans. (b): प्रस्तुत पंक्तियों में श्रृंगार रस का प्रयोग किया गया है।
S7. Ans. (c): ‘विनयपत्रिका’ के रचयिता ‘तुलसीदास’ हैं।
S8. Ans. (b): ‘राम की शक्ति पूजा’ के रचनाकार ‘सुमित्रानंदन पंत’ हैं।
S9. Ans. (b): “पीपर पात सरिस मन डोला” प्रस्तुत पंक्तियों में उपमा अलंकार है। उपमा अलंकार = जिस जगह दो वस्तुओं में अन्तर रहते हुए भी आकृति एवं गुण की समानता दिखाई जाए उसे उपमा अलंकार कहा जाता है। उदाहरण- सागर-सा गंभीर हृदय हो, गिरी- सा ऊँचा हो जिसका मन।
इसमें सागर तथा गिरी उपमान, मन और हृदय उपमेय सा वाचक, गंभीर एवं ऊँचा साधारण धर्म है।
S10. Ans. (d): ‘इत्यादि’ का सही संधि-विच्छेद है- इति + आदि।