
हिंदी भाषा TET परीक्षा का एक महत्वपूर्ण भाग है इस भाग को लेकर परेशान होने की जरुरत नहीं है .बस आपको जरुरत है तो बस एकाग्रता की. ये खंड न सिर्फ CTET Exam (परीक्षा) में एहम भूमिका निभाता है अपितु दूसरी परीक्षाओं जैसे UPTET, KVS ,NVS, DSSSB आदि में भी रहता है, तो इस खंड में आपकी पकड़, आपकी सफलता में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है.TEACHERSADDA आपके इस चुनौतीपूर्ण सफ़र में हर कदम पर आपके साथ है।
निर्देशः(प्र.स.1-9) गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों में सबसे उचित विकल्प चुनिए।
गुलज़ार जी, क्या लिखते समय पाठक आपके चिंतन में होते है?
देखिए, जब मैं लिखता हूँ, मेरे ज़ेहन में मैं होता हूँ। मैं तय करता हूँ, मुझे क्या करना है। मैं पहले यही तय करता हूँ। बात मुझे अपनी कहनी होती है। पाठक को सामने रखकर लिखने का कोई मतलब नहीं होता। दूसरी महत्त्वपूर्ण बात मैं महसूस करता हूँ वह है कम्युनिकेशन…. अपनी बात को पाठक तक पहुँचाना…. आर्ट ऑफ कम्युनिकेशन…. हाँ मैं अपने लेखन को इस कसौटी पर रखता हूँ। मीडिया से जुड़े होने के कारण कहने के तरीक़े को लेकर मैं सोचता अवश्य हूँ। विषय मेरे होते है, मेरी बात सही है या नहीं। आप अपनी ग्रोथ के साथ एक अहाता बनाते चलते हैं। हर फ़ाइन आर्ट लोगों तक पहुँचनी ही चाहिए। संगीत हो, कला हो, या लेखन हो वो अपने लक्ष्य तक पहुँचनी चाहिए, कहने का ऐसा तरीक़ा तो होना ही चाहिए।
Q1. जब गुलजा़र लिखते है तो विषय किसके होते हैं?
(a) पाठकों के
(b) फ़िल्म बनाने वालों के
(c) स्वयं उनके
(d) मीडिया के
Q2. गुलज़ार के अनुसार लिखने वाले के ज़ेहन में स्वयं लेखक होता है। इसका आशय यह है कि
(a) लेखक स्वयं को सर्वोपरि मानता है
(b) लेखक पाठक की उपेक्षा करता है
(c) लेखक को अपनी ग्रोथ चाहिए
(d) लेखक की संवेदनाएँ, आत्मानुभूति केंद्र में होती है
Q3. एक लेखक के लिए दूसरी महत्त्वपूर्ण बात क्या है?
(a) संप्रेषण
(b) मीडिया
(c) कला
(d) लेखन
Q4. किसी भी कला का लक्ष्य क्या है?
(a) वह सुंदर तरीक़े से कही गई हो
(b) लोगों तक वह बात पहुँचे
(c) मीडिया द्वारा सराहा जाए
(d) सरल भाषा का प्रयोग करना
Q5. गुलज़ार अपने लेखन को किस कसौटी पर कसते है?
(a) वह बात पाठक तक पहुँच रही है या नहीं
(b) वह व्यंग्य भरे अंदाज़ में की गई है या नहीं
(c) वह सब लोगों द्वारा सराही गई है या नहीं
(d) मेरी ग्रोथ हो रही है या नहीं
Q6. गुलज़ार लिखने से पहले क्या तय करते है?
(a) किसके लिए कहना है
(b) क्या कहना है
(c) कैसे कहना है
(d) क्यों कहना है
Q7. ‘जेंहन’ का अर्थ है
(a) दिल
(b) दिमाग़
(c) ख़याल
(d) सपना
Q8. ‘संगीत’ से विशेषण शब्द बनेगा
(a) संगीता
(b) संगीतज्ञ
(c) संगीतवाला
(d) संगीतवान
Q9. ‘कहने का ऐसा तरीका तो होना ही चाहिए।’ वाक्य में निपात शब्द हैं
(a) ऐसा, तो
(b) तो, का
(c) ही, ऐसा
(d) तो, ही
निर्देश(प्रं.सं. 10-15): कविता को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों में सबसे उचित विकल्प चुनिए।
जब नहीं था
इन्सान
धरती पर थे जंगल
जंगली जानवर, परिंदे
इन्हीं सबके बीच उतरा
इन्सान
और घटने लगे जंगल
जंगली जानवर, परिंदे
इन्सान
बढ़ने लगा बेतहाशा
अब कहाँ जाते जंगल,
जंगली जानवर, परिंदे
प्रकृति किसी के साथ
नहीं करती नाइन्साफ़ी
सभी के लिए बनाती है जगह
सो अब
इन्सानों के भीतर उतरने लगे हैं
जंगल, जंगली जानवर
और परिंदे
Q10. धरती पर इन्सान के आने के बाद क्या हुआ?
(a) जंगल घटने लगे
(b) जानवर घटने लगे
(c) पक्षी घटने लग
(d) उपर्युक्त सभी
Q11. ‘इन्सान बढ़ने लगा बेतहाशा’ का भाव है
(a) इन्सान ख़ूब तरक़्क़ी करने लगा
(b) इन्सान ख़ूब तेज़ भागने लगा
(c) इन्सान ख़ूब बड़ा होने लगा
(d) इन्सान अपने पैरों पर चलने लगा
Q12. प्रकृति किसके प्रति नाइंसाफ़ी नहीं करती?
(a) जंगल के प्रति
(b) पशु-पक्षियों के प्रति
(c) इन्सानों के प्रति
(d) उपर्युक्त सभी के प्रति
Q13. कविता के अंत में क्या व्यंग्य किया गया है?
(a) प्रकृति ने इन्सानों के प्रति नाइंसाफ़ी की
(b) इन्सानों में अब इंसानियत ख़त्म हो गई है
(c) इन्सानों के भीतर जंगल की तरह पेड़ उग आए हैं
(d) इन्सानों ने जंगल उगाना शुरू कर दिया है
Q14. ‘अब कहाँ जाते जंगल’ का भाव है कि
(a) अब जंगल कीं जाने लायक़ नहीं रहे
(b) अब जंगल ख़ूब बढ़ने लगे
(c) अब जंगल समाप्त होने लगे
(d) अब जंगलों में परिंदें नही रहते
Q15. ‘जंगल’ का पर्यायवाची नहीं है
(a) बग़ीचा
(b) वन
(c) कानन
(d) अरण्य
Solutions
S1. Ans.(b)
S2. Ans.(c)
S3. Ans.(c)
S4. Ans.(a)
S5. Ans.(c)
S6. Ans.(d)
S7. Ans.(b)
S8. Ans.(b)
S9. Ans.(c)
S10. Ans.(b)
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S13. Ans.(a)
S14. Ans.(c)
S15. Ans.(c)
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