
हिंदी भाषा TET परीक्षा का एक महत्वपूर्ण भाग है इस भाग को लेकर परेशान होने की जरुरत नहीं है .बस आपको जरुरत है तो बस एकाग्रता की. ये खंड न सिर्फ CTET Exam (परीक्षा) में एहम भूमिका निभाता है अपितु दूसरी परीक्षाओं जैसे UPTET, KVS ,NVS, DSSSB आदि में भी रहता है, तो इस खंड में आपकी पकड़, आपकी सफलता में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है.TEACHERSADDA आपके इस चुनौतीपूर्ण सफ़र में हर कदम पर आपके साथ है।
निर्देश ( प्रश्न 1-3): निम्नलिखित पद्यांश के आधार पर प्रश्नों के सही विकल्प चुनिये—
जब नहीं था
इन्सान
धरती पर थे जंगल
इन्हीं सबके बीच उतरा
इन्सान
और घटने लगे जंगल
जंगली जानवर, परिन्दे
इन्सान
बढ़ने लगा बेतहाशा
अब कहाँ जाते जंगल,
जंगली जानवर, परिन्दे
प्रकृति किसी के साथ
नहीं करती नाइन्साफी
सभी के लिए बनाती है जगह
सो अब
इन्सानों के भीतर उतरने लगे हैं
जंगल, जंगली जानवर
और परिन्दे
Q1. धरती पर इन्सान के आने के बाद क्या हुआ ?
(a) जंगल घटने लगे
(b) जानवर घटने लगे
(c) पक्षी घटने लगे
Q2. ‘इन्सान बढ़ने लगा बेतहाशा’ का भाव है
(a) इन्सान खूब तरक्की करने लगा
(b) इन्सान खूब तेज भागने लगा
(c) इन्सान खूब बड़ा होने लगा
(d) इन्सान अपने पैरों पर चलने लगा
Q3. प्रकृति किसके प्रति नाइन्साफी नहीं करती ?
(a) जंगल के प्रति
(b) पशु-पक्षियों के प्रति
(c) इन्सानों के प्रति
(d) इन सभी के प्रति
निर्देश (4-6 ) : निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर इन प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
आज क्यों तेरी वीणा मौन
शिथिल शिथिल तन थकित हुये कर
स्पंदन भी भुला जाता डर
मधुर कसक सा आज हृदय में
आन समाया कौन?
झुकती आती पलकें निश्चल
चित्रित निद्रित से तारक चल
सोता पाराबार दृगों में
भर-भर लाया कौन?
आज क्यों तेरी वीना मौन?
Q4. ‘नीरजा’ से उद्धृत इस कविता का आशय है-
(a) न जाने आज क्यों उनकी हृदतंत्री बज नहीं रही है
(b) दुःखों से आपूरित हृदय तथा नेत्रों के अश्रुमय होने के बाबजूद वीणा मौन क्यों है?
(c)विरह व्यथा की कसक तन-मन को व्याकुल बना रही है, फिर भी आहें नहीं भरी जाती, रहस्य प्रकट करने में न जाने मैं क्यों असमर्थ हूँ
(d) विरह व्यथा की अकथनीय है
Q5. इस कविता का उपयुक्त शीर्षक होगा-
(a) सुधि बन छाया कौन
(b) आज क्यों तेरी वीणा मौन
(c)हृदय में आन समाया कौन
(d) मौन वीणा का रहस्य
Q6. भाव व्यंजना की दृष्टि से यह कविता-
(a) दुर्बोध रचना है
(b) श्रेष्ठ रचनाओं में से एक है
(c) आरंभिक रचना है
(d) प्रकृति चित्रण की दृष्टि से बेजोड़ है
निर्देश (7-10 ) निम्नलिखित अपठित काव्यांश के आधार पर पूछे गए प्रश्नों का उत्तर दें।
यदि फुल नहीं बो सकते तो काँटे कम से कम मत बोओ।
“क्या करोगे अब?
समय का
जब प्यार नहीं रहा
सर्वहारा पृथ्वी का
आधार नहीं रहा
न वाणी साथ है
न पानी साथ है
न कही प्रकाश है स्वच्छ
जब सब कुछ मैला है आसमान
गंदगी बरसाने वाले
एक अछोर फैला है
कही चले जाओ
विनती नहीं है
वायु प्राणपद
आदमकद आदमी
सब जगह से गायब है”
Q7. कवि ने धरती के बारे में क्या कहा है?
(a) रत्नगर्भा
(b)आधारशिला
(c) सर्वहारा
(d) माँ
Q8. आसमान की तुलना किससे की गई है?
(a) समुद्र से
(b) नीली झील से
(c) पतंग से
(d) गंदगी बरसाने वाले थैले से
Q9. प्राणदान का तात्पर्य है-
(a) प्राणों को पूर्ण करने वाला
(b) प्राण प्रदान करने वाला
(c) प्राणों को प्रणाम करने वाला
(d) प्राणों को छीन लेने वाला
Q10. कवि समय से कब और क्यों कतराना चाहते हैं?
(a) किसी के पास बात करने का समय नहीं होने पर
(b) किसी को दो क्षण बैठने का समय नहीं होने पर
(c) किसी को प्यार करने का समय नहीं होने पर
(d) किसी को गप मारने का समय नहीं होने पर
Solutions
S1. Ans.(d)
S2. Ans.(a)
S3. Ans.(d)
S4. Ans. (a)
S5. Ans. (b)
S6. Ans. (b)
S7. Ans. (c): कवि ने धरती को ‘सर्वहारा’ कहा है।
S8. Ans. (d): आसमान की तुलना गंदगी बरसाने वाले थैले से की गई है।
S9. Ans. (b): प्राणदान का तात्पर्य है- प्राण प्रदान करने वाला।
S10. Ans. (c): किसी को प्यार करने का समय नहीं होने पर, कवि समय से कतराना चाहते हैं।
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